अगर मैं कह दूं मर मिटेंगे हम तुझपे,
क्या वो भी कहेगा हम भी जान लूटा देंगे तुझपे?
अगर मैं कहूँ बेइंतहा मोहब्बत करती हूॅं,
अगर मैं कहूॅं बेइंतहा मोहब्बत करती हूॅं तुझसे
लेकिन क्या वो यकीं करेगा मुझपे......
अगर मैं कह दूं उससे
कि जी नहीं सकती बग़ैर तेरे,
क्या वो भी ऐसा ही कुछ कहेगा?
अगर मैं कह दूं तू है तो मैं,
तू नहीं तो नहीं मैं,
क्या वो मुझपे एतबार करेगा.........
अगर मैं कह दूं उससे
कि तू मेरी ज़िंदगी में ज़रूरी है ऐसे
जैसे जिस्म में रूह का होना ज़रूरी है,
क्या वो फ़िदा हो जायेगा मुझपे?
अगर मैं कह दूं मेरे दिल में,
मेरी यादों में सिर्फ़ तू रहता है, क्या वो भरोसा करेगा मुझपे........
अगर मैं कह दूं रातों को नींद नहीं,
दिन में चैन नहीं ऐ सनम तेरे बिना, क्या वो कहेगा हम भी बेकरार है तेरे बिना?
अगर मैं कह दूं तेरे मुंतज़िर है हम,
क्या वो कहेगा तेरे तलबगार है हम........
💐रीना कुमारी प्रजापत🖋️🖋️
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




