कविता : हमारे लिए....
तुम को हे प्रिय पाना चाहता
तुम्हारे घर में आना चाहता
मगर तुम्हारे घर वाले
है दिल के बहुत काले
अगर भूल से तुम्हारे घर आ भी जाऊंगा
पहले तो मैं उनकी बहुत मार खाऊंगा
ऐसे में मैं कैसे आऊं प्रिय
मिलना भी मुश्किल हमारे लिए
मिलना भी मुश्किल हमारे लिए.......
netra prasad gautam