साथ दिल के जहन की अदावत जानी मानी है
जिस्म में हरारत केवल जिन्दगी की निशानी है
सांसे चलती हैं रातदिन लगातार खुद बखुद ही
दिल की यही धड़कन हर जिस्म की कहानी है
लहू ये दौड़ता है ऊपर नीचे सारी रगो में हमारी
कभी प्यार कभी तकरार इसकी ही जुबानी है
ये रूह ये जिस्म ये दिल ये जहन ये हुश्न ये रंग
गए कल इस आज और कल की मेहरबानी है
सदियों से सिलसिला है जिन्दगी का दास यही
रूह तो अमर है नए युग नये जिस्म की रवानी है