वक्त ए ऐश में
तेरा ख्याल तक ना था।
पर वक्त ए फुर्कत में
तू बड़ा याद आया।
है ये दिल बड़ा हीं
धोखेबाज
जिसको मन ने चाहा
उसी को बड़ा रुलाया।
पाया क्या इन दिल्लगियों से
मोह माया के रंगरलियों से
क्यों है ये आवारापन
बीन मतलब का बंजारापन
तू किसी एक का हो जा।
किसी एक में खो जा।
किसको धोखा दे रहा है तू
इन प्यार के नए नए आयामों से।
खुदा भी एक दिल भी एक तो
दिलदार भी एक हीं होना चाहिए।
हर किसी के लिए नहीं
बल्कि किसी एक के लिए
दिल धड़कना चाहिए।
किसी एक पर हीं जानिसार
होनी चाहिए..
प्यार में कोई मिलावट नहीं
बस होनी चाहिए...
सिर्फ शुद्ध और सफाई..
सिर्फ शुद्ध और सफाई..