कापीराइट गजल
आओ मेरे हुजूर
आओ मेरे हुजूर जरा तशरीफ लाईए
आए हो पहली बार अन्दर तो आईए
यह खामोश निगाहें, कह रही हैं हम से
हमारी सुनो तुम, कुछ अपनी सुनाईए
आए हो पहली बार अन्दर----
तुम्हारे बिन हमारी महफिल थी अधूरी
इस बुझती हुई शमां को फिर से जलाईए
आए हो पहली बार अन्दर------
ढ़ल जाएंगे सब ये रात और ये महफिल
अब छोङकर मेरा हाथ, ऐसे न जाईए
आए हो पहली बार अन्दर-----
ठुकरा दो मुझे तुम, या अपना लो यादव
मैं इस दिल से क्या कहूं, ये तो बताईए
आए हो पहली बार अन्दर ----
- लेखराम यादव
( मौलिक रचना )
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




