आँखें और चेहरा
इन आँखों के क्या कहने
हमारी होकर भी हमसे ही बेईमानी करती हैं
जितना भी छुपाने की कोशिश कर लें
दिल की गहराई के भाव भी बयान कर देती हैं
वहीं चेहरे की क्या दात दें
कितनी ख़ूबसूरती से ईमानदारी निभाता है
दर्द जितना भी गहरा क्यों न हो
बड़ी सी मुस्कुराहट से सब दर्द छुपा लेता है..
वन्दना सूद