मेरा इश्क़ है शायराना,
ना समझना मुझे सिर्फ दीवाना !!
हर पल दिल मेरा आशिक़ाना,
ना लेना हल्के मॆं ऐ ज़माना !!
इश्क़ करता हूँ बचपन से यारो,
है जवानी की तासीर तबसे !!
साँस चलती है चाहत से मेरी,
चाहत ही खुशियों का है ख़जाना !!
हो संगीता.. सरिता या संध्या,
आज भी याद आती हैं मुझको !!
कह ना पाये कभी हाल दिल के,
था नहीं आज जैसा वो ज़माना !!
---- वेदव्यास मिश्र
सर्वाधिकार अधीन है