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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

मेरा इश्क़ है शायराना - रोमांटिक गीत - वेदव्यास मिश्र

मेरा इश्क़ है शायराना,
ना समझना मुझे सिर्फ दीवाना !!
हर पल दिल मेरा आशिक़ाना,
ना लेना हल्के मॆं ऐ ज़माना !!

इश्क़ करता हूँ बचपन से यारो,
है जवानी की तासीर तबसे !!
साँस चलती है चाहत से मेरी,
चाहत ही खुशियों का है ख़जाना !!

हो संगीता.. सरिता या संध्या,
आज भी याद आती हैं मुझको !!
कह ना पाये कभी हाल दिल के,
था नहीं आज जैसा वो ज़माना !!

---- वेदव्यास मिश्र


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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (6)

+

रीना कुमारी प्रजापत said

हो संगीता, सरिता या संध्या, आज भी याद आती है मुझको...😀😀😀 बहुत सुंदर भाईसाहब, वैसे तीनों की राशि एक ही है

वेदव्यास मिश्र said

रीना कुमारी प्रजापत जी, ये अभी तक मेरे दिल में राज बनकर रह रहे थे !! आज इन्हें आज़ाद कर दिया अपनी कविताओं में दिल के क़ैदखाने से !! संगीता बहुत बड़े घर की थी ..एक बार उसे प्रभावित करने के लिए मैंने भगवान शंकर जी के जटाधारी साँप पिटपिटिया को पूँछ से पकड़कर अपने शर्ट के ऊपर से डालकर अपने हाथ पैंट के नीचे से निकाल दिया था मैम !! हालत तो खराब थी मेरी..मगर उसका मना करना और मेरे लिए उसका परेशान होना बहुत ही अच्छा लगा था मुझे !! चौथी कक्षा से ही इतना समझदार हो गया था मैं !! संगीता को मैं चाहता था, सरिता और संध्या मुझे चाहती थीं ..इस चक्कर में हासिल आया शून्य 😍 बाकी बातें फिर कभी !! 🙏🙏 रही बात इस राशिफल की तो सच ये है..अधिकतर झुकाव इसी राशिफल के साथ ही ज्यादा होता है आज भी मगर मेरी रैलगाड़ी स्टाॅप वाले लाइन में ही जाकर खड़ी हो जाती है !! आभार नमन मैम !! 🙏🙏

रमेश चंद्र said

Waah क्या बढ़िया लिखा है

Bhushan Saahu said

बहुत लाजवाब

वेदव्यास मिश्र said

रमेश चंद्र जी, सिर्फ आभार हृदयप्रिय चंद्र जी !!

वेदव्यास मिश्र said

Bhushan Saahu जी, थैंक्स एलाॅट 🙏🌈

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