मोहब्बत के मुकाम पर
निशां तुम्हारा है।
धड़क रहा है जो सीने में दिल तेरे
वो दिल हमारा है।
ज़रा हाथ रख दे तू उस दिल पर
शुकून मुझे आ जायेगा।
तन्हायों रुसवाइयों
तड़प बेचैनियों में आराम आ जायेगा।
तक़दीर का फसान
अब किसको है सुनना
जब तू ना रही
जो तू थी कभी
तो फिर क्या
बेबसी के आलम में
दिल बेखबर सा है।
पर अहसास फिर भी तेरा है।
क्योंकि आज़ भी ...
मेरा दिल तेरा और तेरा दिल
मेरा है..
मेरा दिल तेरा और तेरा दिल
मेरा है...