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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

आज की हकीकत से अपने कल को सँवारों

आज की हकीकत से अपने कल को सँवारों
कभी कभी चाहतें हमें हकीकत से अनजान कर देती हैं
बीते समय को फिर से जीना चाहती हैं
कुछ लम्हों को सही करना चाहती हैं
तो कुछ पलों की यादों से बाहर ही नहीं आना चाहतीं
एक ‘काश’ में अटक कर रह जाती हैं
पर वक़्त कभी लौटकर वापिस नहीं आता ।

हकीकत को अपनाकर ही जीवन आसान है
चाहतें कभी भी और किसी के लिए भी ख़त्म नहीं होतीं
हर एक चाहत के साथ एक दूसरी नई चाहत जुड़ी होती है
इसलिए जो बीत गया अच्छा या बुरा
उसे भूलते चलो ,नया सीखते चलो
आज की हकीकत से अगर कल की हकीकत को खूबसूरत बनाना है
तो अपने हर कर्म को निखारते चलो,संवारते चलो ..
वन्दना सूद


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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (1)

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अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

मेम हृदय से कह रहा हूँ आपको माइंड थेरेपी देना शुरू कर देना चाहिए यदि आप ऐसा करना चाहें तो, क्युकी आपके विचार प्रभावित करते हैं - पर्सनली में काफी डिप्रेस्ड रहता हूँ जिसके बहुत से कारण हैं - और जब पता चला कि डिप्रेसिव लेवल बहुत गंभीर है तो शहर की एक जानी मानी स्पेशलिस्ट डॉ के पास जाने के लिए पिताजी ने विवश कर दिया , २ सेशन थेरेपी के लिए २५०० प्रति सेशन और दोनों बार वही कहा गया जो आपने अपनी इस रचना में कहा है और जो मेरे घर वाले मुझसे कहते थे इसीलिए होसकता है बहुत से लोगों के २५०० रुपये प्रति सेशन बच जाएं - हालाँकि अभी भी डिप्रेसिव रहता हूँ लेकिन सेशन की जरुरत नहीं पड़ती अधिकतम वक्त काम में , साहित्य पढ़ने में और अपनी प्यारी सी बिटिया के साथ व्यतीत करता हूँ समय का पता नहीं चलता और बाकी चीज़ों के बारे में सोचने का मौका नहीं मिलता

वन्दना सूद replied

अपने मन की बात मुझसे share की है इसलिए कुछ बोलना चाहती हूँ कि बीमारी कोई भी हो उसके बारे में हर समय सोचने से हम उससे कभी आज़ाद नहीं हो सकते क्योंकि indirectly हम उसका जाप कर रहे हैं meditate कर रहे हैं भूल जाओ की तुम्हें कुछ है कोई भी problem हमारी willpower को हरा नहीं सकती ये बात अपने experience से बोल रही हूँ ।दूसरे के दुख को हमेशा अपने दुख से ज्यादा समझो और अपने सुख को दूसरे के सुख से ज़्यादा मानो तो ज़िन्दगी ख़ुशियों से भर जाएगी ।”तन संसार से मिला है इसलिए तन से संसार की सेवा करो और साँसें परमात्मा ने दीं हैं इसलिए हर साँस से प्रभु का सिमरन करो यही परम धर्म है ।अपने और अपने परिवार के लिए तुम बहुत ख़ास हो इसलिए अपने आप को सही रखना तुम्हारी ज़िम्मेदारी भी है ।😊God bless you with happy healthy and peaceful life

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