जल में रहकर, मगरमच्छ से लिया है बैर।
सोच रहा वह पड़ा -पड़ा, जबड़ा फाड़े खड़ा-खड़ा।
फिसले इधर-उधर, धर दबोच लूं।
मुझे दिखाता है आंखें, बोटी -बोटी नोंच लूं ।
मगर यह क्या, देखते ही देखते गुत्थम -गुत्था हो गई।
भिड़ंत हुई ऐसी, मगरमच्छ की ऐसी की तैसी।
कमर पर बांध ले आयाऔर पुरस्कार भी पाया।
शैतान की बस्ती में, आग भी लगा आया।