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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

वक़्त हर घाव भर देता है

वक़्त हर घाव भर देता है
वक़्त है कि गुज़रता चला जाता है
साथ चलते चलते कुछ अपने पीछे छूट जाते हैं
पर,ज़िन्दगी किसी के लिए भी नहीं ठहरती
मगर,याद बनकर उनके न होने का एहसास हमें ज़रूर दिलाती रहती है
सब गिले-शिकवे भी छूट जाते हैं,जाने वाले के साथ
धीरे-धीरे यादें भी कुछ धुँधली पड़ने लग जाती हैं
मन में रह जाती है केवल एक छवि और दीवार पर लगी एक तस्वीर
वक़्त का अदभुत खेल है
घाव जैसा भी क्यों न हो,वक़्त उसे भर ही देता है
पर,ज़िन्दगी यूँ ही चलती चली जाती है ..
-वन्दना सूद




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (3)

+

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Bahut sundar likha mam, very inspiring and very true. Pranam 🙏

वन्दना सूद replied

प्रणाम 🙏🙏Take care with lots of care 😊

Arpita pandey said

Bhaut bahut Sundar rachna hai apki -शिकवे भी छूट जाते हैं,जाने वाले के साथ धीरे-धीरे यादें भी कुछ धुँधली पड़ने लग जाती हैं मन में रह जाती है केवल एक छवि और दीवार पर लगी एक तस्वीर pankti sach ko bya karti h

वन्दना सूद replied

Thankyou ma’am 🙏😊

श्रेयसी said

Sachhi baat 🙏🙏

वन्दना सूद replied

🙏😊

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