बैसाख कृष्ण प्रतिपदा तिथि से
रह गए दिवस चतुर्विमशती शेष।
मेरी माता गौरी आ रही है
लेकर माता सिया का वेश। 1
मात जानकी जन्मी थी उस दिन
लेकर घट के अंदर श्वास।
नाम पड़ा था प्रिय भूमिजा
राजा जनक की अनंत वे आस। 2
थी तीन तनुजाओं की अग्रजा
था सबसे मोहक रूप श्रृंगार।
थी माता उनकी स्वयं सुनयना
थे पिता जनक मिथिला हार। 3
_____मनीषा सिंह