कोई परवाह मेरी क्यों करे।
दिल मेरा धक धक क्यों करे।।
खबर भी आई नही अब तक।
दिल इंतजार इतना क्यों करे।।
मारेगी किस्मत ठोकर मुझको।
बेवजह आभास मन क्यों करे।।
रात के बाद सहर होती 'उपदेश'।
उसकी परवाह दिल क्यों करे।।
- उपदेश कुमार शाक्य वार 'उपदेश'
गाजियाबाद