आवाज़ में कशिश थी कुछ खूबियों के आधार पर
वह थे मुहम्मद रफ़ी हर महफ़िल में शमा जला दिया
नाकारा रचनाएं को भी अपनी आवाज़ से चमका दिया
बद आचरण कवि भी चमक गए मुहम्मद रफ़ी के दौर में
ख्यालों में न था जिसे ऐसे लोग फिल्मी दुनिया देख लिया
अच्छा और ख़राब की फ़ैसला लेने में हमने उम्र गुजार दी
अब कहे कोई निर्देशक लिख दीजिए एक नई कविता
ऐसा लिख देगा गीत " वसी " भूल न पाएगा फिल्मी दुनिया
वसी अहमद क़ादरी
वसी अहमद अंसारी

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




