प्रथम मिलन पर पटल के इस
सबको मेरा प्रणाम
दे सकूं मैं जीवन को इससे
एक नया आयाम
सहर्ष स्वीकारें विद्वजन आप!
मेरा यहाँ पदार्पण
प्रयास करूँगा कर सकूं मैं
बहुत कुछ यहाँ अर्पण
पूर्व सेवा स्थल रह चुका है
भारतीय वायु सेना
घूम चुका हूँ पूरा भारत जो
सच में है अपना
तत्पश्चात बना हिंदी प्रवक्ता
नवोदय में पढ़ाया
पढ़ा था जहाँ वहीँ पढ़ाने में
भावात्मक आनंद आया
केन्द्रीय विद्यालय में हूँ
वर्तमान में हिंदी प्रवक्ता
प्रयास होगा आप सबके साथ
तय कर सकूं यह रास्ता
'कुंवर' संदीप सिंह