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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस

Dec 02, 2025 | आलेख | लिखन्तु - ऑफिसियल  |  👁 170,677

राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस

राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस हर साल 2 दिसंबर को मनाया जाता है। हर साल इस दिन प्रदूषण के खतरों और हमारे पर्यावरण को बचाने को लेकर जागरूक किया जाता है।

यह दिन 2 दिसंबर को 1984 की भोपाल गैस त्रासदी में मारे गए लोगों की याद में भी मनाया जाता है।
हवा, पानी और धूल-मिट्टी के कणों, सेहत और इकोसिस्टम पर होने वाले खतरनाक असर से निपटने के लिए जागरूकता जरूरी है क्योंकि कई शहरों में प्रदूषण का स्तर बहुत ज्यादा है।

रिपोर्ट्स के अनुसार, वायु प्रदूषण से हर साल लाखों लोगों की मौत हो जाती है। इसी को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय प्रदूषण रोकथाम दिवस मनाया जाता है। यह दिन भोपाल गैस त्रासदी की भी याद दिलाता है, जिसमें 2 दिसंबर 1984 की रात, मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक कीटनाशक फैक्ट्री से मिथाइल आइसोसाइनेट (MIC) नामक जहरीली गैस लीक हो गई। कुछ ही मिनटों में पूरी बस्ती एक गैस चैंबर में बदल गई।

राज्य सरकार के आंकड़ों के अनुसार, शुरुआत में 2259 लोग मारे गए, लेकिन रिपोर्ट्स बताती हैं कि समय के साथ बीमारियों की चपेट में आकर मरने वालों की यह संख्या 15,000-25,000 के आसपास पहुंच गई थी।

आंखों की रोशनी खोना, सांस लेने में दिक्कत, प्रजनन संबंधी समस्याएं और नसों से संबंधित बीमारियां आज भी कई बचे हुए लोगों को परेशान कर रही हैं।


राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस हमें याद दिलाता है कि प्रदूषण मिट्टी, पानी, हवा और पूरे पर्यावरण पर कितना गहरा प्रभाव डालता है। औद्योगिक दुर्घटनाओं से न सिर्फ आसपास के इलाकों का पर्यावरण खराब होता है, बल्कि प्राकृतिक संसाधनों पर भी इसका दूरगामी असर पड़ता है।


💢राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस के प्रमुख उद्देश्य:-

* औद्योगिक दुर्घटनाओं की रोकथाम-

लोगों और उद्योगों को यह सिखाना कि सुरक्षा प्रक्रियाएं कितनी जरूरी हैं और एक छोटी सी चूक कैसे बड़े हादसे में बदल सकती है।

* प्रदूषण नियंत्रण के उपायों को बढ़ावा देना-

फैक्ट्रियों, गाड़ियों और मानव गतिविधियों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए उचित कदम उठाना।

* सरकारी नियमों के महत्व को समझाना-

प्रदूषण रोकने के लिए बनाए गए कानून तभी प्रभावी होंगे जब लोग उनका पालन करेंगे।

* प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण-

स्वच्छ हवा, साफ पानी और सुरक्षित मिट्टी आने वाली पीढ़ियों के लिए हमारा कर्तव्य है।

हम सभी को प्रदूषण को कम करने, पर्यावरण को सुरक्षित रखने की अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभाना चाहिए, अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए पर्यावरण को स्वच्छ रखने में अपना पूर्णतया योगदान देना चाहिए।

Post By Admin Reena Kumari Prajapat




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (2)

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वन्दना सूद said

संदेशप्रद आलेख 👌👌हम सब को इन बातों को अपनाकर दूसरों को भी जागरूक करना चाहिए

श्रेयसी said

बिल्कुल सही कहा वंदना जी ने 👏👏

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