न मान किया न ही सम्मान रखा
गऊ को ग्रन्थों ने पूजनीय बताया
कान्हा ने ग्वाला बनकर गौओं का मान बढ़ाया
इसलिए लोगों ने उन्हें माता कह कर सम्मान दिया
जो स्वस्थ हैं,जो दूध देती हैं उनकी सेवा की
खाने को भरपूर पोषण दिया
जो अस्वस्थ हो गईं
रोग से ग्रस्त हो गईं
खाने को उन्हें कचरा मिला
दर दर भटकने के लिए उन्हें छोड़ दिया
दूसरी ओर गौशाला बनवाईं
गौ सेवा सबसे बड़ा दान है
यह कहकर गौ दान माँगा
पैसा कमाने की हर सीमा लाँघी
क्या कहें
डर नहीं आता किसी को भी अपने कर्मों से
या तो इनके लिए भगवान हैं ही नहीं
या फिर अपने आप से बड़ा किसी को समझते ही नहीं
जब मार वक्त की पड़ेगी
तो पछतावे का समय भी नहीं देगा समय..
वन्दना सूद
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




