मेरी अदावत किसी से नही खुदको ख़ुद से है जीवन में
दुश्मनों की अधिकता इतनी है मुकाबले से न रहा_वसी
जीवन त्यागा जनता को संदेश केलिए के जाग जाए
मेहनत का सिला खुदा नहीं कोई आदमी छीन लेता है
दरवेश की सिफत है आजमाइश कबूल करते हैं खुदा का
मेरी सब्र का कद्र आदमी क्या जाने जो आजमाया न गया
महान वे नहीं जो बार बार सच्चे को आजमाए शैतान है वह
जो ललकारता दरवेश को खुदको जिंदगी तंग कर रहा है
जबकि मेरा रिकॉर्ड है लेख वो दुआ से सरकार बदलने का
सबूत मेरा लेख है चमत्कारी का सोशल मीडिया पर देख लेना
वसी अहमद क़ादरी ! वसी अहमद अंसारी
मुफक्किर मखलुकात ! मुफक्किर कायनात