क्या सोचते हो ? क्यों सोचते हो ?
कीस लीये सोचते हो.
जिंदगी में एक बार आना ऐकबार जाना
क्यों अपनों के लीये नहीं दम तोड़ते हो ?
डर सीर्फ मन का गहेना हे क्यों इसे ओढ़े
फ़िरते हो.
हिम्मत साहस कुर्बान होना ये मजहबी
शब्द नहीं ये हकीकत में हर इन्सान के
अंदर की सैना हे.
के बी.सोपारीवाला