एक वीर का त्याग।।
एक वीर का विश्वास देखो, त्याग का अहसास देखो
कांटों को बनाके अपनी शय्या, शय्या का मृदुल परिहास देखो
रोम-रोम निज त्याग देखो,गर्व से भरा ललाट देखो
भुजाओं की ललकार देखो, रक्त वर्ण अभिमान देखो
शक्ति का संचार देखो,सूखता कण्ठ का तान देखो
पग-पग का उल्लास देखो, मृत्यु का संहार देखो
व्रज पर पड़ा प्रहार देखो, जन जन का प्यार देखो
शमशीर का इतिहास देखो , देखो प्रेमाश्रुओं की संख्या, संख्या का सार देखो
गिरते मोती प्रसून बन उठे।
अखंड उसकी आन देखो,
प्रचंड होती शान देखो ,
मान अपमान से पार देखो,
बंधन ना कोई राग देखो,
देखो देखो उसकी राह देखो।
एक वीर का विश्वास देखो, त्याग का एहसास देखो।
- ललित दाधीच।।