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कविता की खुँटी

                    

कहाँ है सुकून ?

Sep 03, 2024 | आलेख | वन्दना सूद  |  👁 647,679

कहाँ है सुकून ?
क्या है सुकून ? , किस बात में है सुकून ?
परिवार में है ? या दोस्तों से ?
अमीरी में है ? या सुन्दरता में ?
खेल-कूद में या फिर पढ़ाई -लिखाई में ?
इन सब मन की चंचलता से परे भी है ,कहीं सुकून !

कभी पूर्णिमा के चाँद से पूछना,अरे ! बड़े दिन बाद नज़र आए ,कहाँ थे आप इतने दिन ? इस बात से आपके चेहरे के जो भाव होंगे ,वही है सुकून..
कभी सूरज से पूछना ,बारिशें क्या आयीं आपने तो दिखना ही बन्द कर दिया ! यह अपनापन देता है सुकून..
रंग-बिरंगे फूलों से उनकी ख़ूबसूरती की तारीफ़ करके तो देखना ! उस समय की आपकी मुस्कुराहट देती है सुकून..

अपने पर तो हम बेहिसाब पैसा लुटाते हैं
कभी मन्दिर के बाहर खड़े बच्चों को उनके बिना बोले आइसक्रीम खिला कर देखना ! उनकी चेहरे की खुशी आपके दिल को सुकून न दिला दे तो कहना..
हमारे घर की किताबों पर रोज़ धूल साफ़ करनी पड़ती है, कभी किसी ज़रूरतमंद बच्चे के हाथ में किताब थमा कर देखना ! सुकून बच्चे से ज्यादा आपके चेहरे पर होगा..
अपने घर,अपने ऑफिस के कर्मचारी के बिना माँगे ज़रूरत पूरी करके देखना ! उनके चेहरे का भाव कि हमारे लिये भी कोई सोचता है वह आपको सुकून देगा..

ये पल हमें अहम् नहीं देता बल्कि शुक्रगुज़ार बनाता हैं कि हम इस काबिल हैं कि किसी के लिए निमित् बनकर ख़ुशी बाँट कर अपने लिए सुकून ख़रीद सकते हैं
यह अपने आप नहीं मिलता ,अपने मन के भीतर किसी कोने में छुपे सेवा भाव को जगाना पड़ता है ..
वन्दना सूद




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (3)

+

Lekhram Yadav said

आदरणीय वन्दना जी, सुकून पाने का बहुत सुन्दर रास्ता बताया आपने आपको धन्यवाद सहित सादर प्रणाम।

वन्दना सूद replied

sir, please इतने भारी words नहीं लिखिए 🙏🙏हम सब तो निमित हैं सब कुछ करने कराने वाले तो कोई और ही हैं

Sanjay Srivastva said

उम्दा लेखन

वन्दना सूद replied

🙏🙏😊

Sharda Gupta said

Bahut accha h …. Simple but very impactful though

वन्दना सूद replied

Shukriya ma’am 🙏🙏

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