Newहैशटैग ज़िन्दगी पुस्तक के बारे में updates यहाँ से जानें।

Newसभी पाठकों एवं रचनाकारों से विनम्र निवेदन है कि बागी बानी यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करते हुए
उनके बेबाक एवं शानदार गानों को अवश्य सुनें - आपको पसंद आएं तो लाइक,शेयर एवं कमेंट करें Channel Link यहाँ है

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.



The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

Newहैशटैग ज़िन्दगी पुस्तक के बारे में updates यहाँ से जानें।

Newसभी पाठकों एवं रचनाकारों से विनम्र निवेदन है कि बागी बानी यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करते हुए
उनके बेबाक एवं शानदार गानों को अवश्य सुनें - आपको पसंद आएं तो लाइक,शेयर एवं कमेंट करें Channel Link यहाँ है

The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

जीवन को मिली नई दिशा

Sep 24, 2024 | डायरी | वन्दना सूद  |  👁 610,682

जीवन को मिली नई दिशा
ज़िन्दगी बहुत कुछ सिखाती है
हर राह हर पड़ाव से कुछ नया सीखने को मिलता है
जिसे अपने जीवन में उतारने का मन करता है
मुझे हमेशा से ऐसा लगता है कि
बुढ़ापा स्वयम् से ज़्यादा दूसरों को सीख देने की उम्र है
अपने घर के,आस पास के बुजर्गों को देख कर मन में एक सोच आई
कि हम अपने जीवन का सही मूल्य नहीं समझते
कितनी आदतें हमारी हमें और हमारी वजह से दूसरों को परेशान कर सकती हैं।
उन्हें देखकर मेरे जीवन को भी नई दिशा मिली
मनमौजी जीवन में यदि हम भी उस पड़ाव तक पहुँच गए
तो अधेड़ उम्र आते ही अपनी तीन आदतें हमें अपने में ज़रूर बदलनी चाहिए ..

पहली हमारे कर्मों का और हमारे तन का वजन हल्के से हल्का रखने की कोशिश करना
कि आख़िरी समय में न किसी को हमारी सेवा करने में कोई कष्ट हो और न ही हमें कंधे पर उठाने में

दूसरी अपने अन्न,धन और मन के हर प्रकार के लालच को ,इच्छा को खत्म करते जाना
ताकि कोई भावनाएँ दिल को ठेस न पहुँचा सकें और जो मिले उसे प्रसाद समझकर ग्रहण करते रहें

तीसरी पर सबसे खास अपने आप को खुश रखने की कला सीखना,एकांत को अपना साथी बनाना
ताकि न किसी से समय की उम्मीद करें और न ही अकेलेपन से दुखी होना पड़े

सेवा पाना हमारा अधिकार हो सकता है
किसी का कर्तव्य व फर्ज हो सकता है
पर जीवन अप्रत्याशित है
क्या पाना है क्या खोना है यह तो नहीं जान सकते
पर अपनी सोच से अपने आख़िरी पड़ाव की जीत निश्चित ज़रूर कर सकते हैं ..
वन्दना सूद


यह रचना, रचनाकार के
सर्वाधिकार अधीन है


समीक्षा छोड़ने के लिए कृपया पहले रजिस्टर या लॉगिन करें

रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (4)

+

श्रेयसी said

Yahi jaruri bhi hai , bahut sundar 👌👌🙏🙏

वन्दना सूद replied

🙏🙏😊

Lekhram Yadav said

बहुत सुन्दर विचार एवं रचना आपको सादर नमस्कार 🙏

वन्दना सूद replied

शुक्रिया sir 😊

राजू वर्मा said

NYC

वन्दना सूद replied

🙏🙏😊

कमलकांत घिरी said

वाह बहुत ही नेक विचार है मैम ऐसा कर पाने से लोगों का जीवन और भी आसान हो जायेगा, बहुत सुंदर प्रस्तुति मैम 😊👌प्रणाम 🙏

वन्दना सूद replied

बिल्कुल ऐसा लगता है 😊

डायरी श्रेणी में अन्य रचनाऐं




लिखन्तु डॉट कॉम देगा आपको और आपकी रचनाओं को एक नया मुकाम - आप कविता, ग़ज़ल, शायरी, श्लोक, संस्कृत गीत, वास्तविक कहानियां, काल्पनिक कहानियां, कॉमिक्स, हाइकू कविता इत्यादि को हिंदी, संस्कृत, बांग्ला, उर्दू, इंग्लिश, सिंधी या अन्य किसी भाषा में भी likhantuofficial@gmail.com पर भेज सकते हैं।


लिखते रहिये, पढ़ते रहिये - लिखन्तु डॉट कॉम


© 2017 - 2025 लिखन्तु डॉट कॉम
Designed, Developed, Maintained & Powered By HTTPS://LETSWRITE.IN
Verified by:
Verified by Scam Adviser
   
Support Our Investors ABOUT US Feedback & Business रचना भेजें रजिस्टर लॉगिन