जाना हैं एक दिन
सबकुछ हमें पता है
पूछा मत कीजियें
थोडा थोडा सा
मन को भी पूछ लिजियें !!
तर्को से परेशां रहा न कीजियें
ज़माने की बांतों को
हवा संग उड़ा दीजियें
बेवफ़ा है ये रंगत रंगा न कीजियें
दिल को पूछ उसकी राय लिजियें !!
रोज़ाना मंद मंद मुस्कुरातें रहियें
सिने की धड़कन गौर से सुना कीजियें
चले जाना हैं एक दिन जहां से,
मगर कहाँ पूछा न कीजियें
स्नेह मिलन जैसे मिला तो कीजियें !!