ग्राम चौपाल - पार्ट 05 का Next B - आलेख - बेरोज़गारी दूर करने का आसान फॉर्मूला और मास्साब - वेदव्यास मिश्र
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(अभी तक आपने इस पार्ट 05 में पढ़ा कि कैसे निराश होकर स्टूडेंट संतोष ने आत्महत्या करने का प्रयास किया जिसे मास्साब ने अपने अन्दाज़ में समझाया और ग्राम चौपाल में अपनी समस्या रखने के लिए आमंत्रित किया।
विशेषत: तीन बेरोज़गार युवक संतोष, रामदास और रामदीन को !
संतोष को लैपटॉप की अच्छी जानकारी है ! स्कैनर वगैरह की जरूरत है उसे ।
शहर रामरतनपुर के गुठली चौक में चालीस हजार की पगड़ी और पाँच हजार किराया का दुकान खोलने हेतु सहयोग के लिए मास्साब राजी हो गये हैं ।
इसके बाद रामदीन को आमंत्रित किया गया है अपनी समस्या रखने के लिए।
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रामदीन - आप तो सभी जानते ही हैं..मेरे परिवार की हालत..पिताजी दारू पी-पीकर हमें पूरी तरह बर्बाद करके चले गये हैं ।
घर में मुझसे बड़ी बहन है जो शादी योग्य है..माँ पास के ही स्कूल में जनभागीदारी शिक्षक के रूप में पढ़ा रही हैं।
मगर घर की गाड़ी बमुश्किल खींच-तान के चल रही है । मेरी बड़ी बहन भी काफी पढ़ी-लिखी है ।
ज़िन्दगी से निराश होकर मैं भी मरने चला गया था ट्रेन से कटने । मगर उस दिन ट्रेन के लगातार कैंसिल होने से पटरी पर लेटे-लेटे ही बोर हो गया..
फिर मेरे अंदर एक आत्मचिंतन हुआ कि ये मैं क्या कर रहा हूँ ।
फिर घर वापस लौट आया और आपके सामने उपस्थित हूँ !
मेरा एक दोस्त है उमेश, जो शहर में रहता है ..जिसका पापड़ और अगरबत्ती उद्योग काफी फेमस है..उसने मुझे सहयोग करने का प्राॅमिस किया है..मगर कुछ पैसे हो जाते तो मैं मशीन खरीद लेता ..अगर आप लोगों की कुछ कृपा होती तो ??
मास्साब ने रामदीन को भी आश्वस्त किया कि जो भी बेरोज़गार युवक सचमुच का कुछ करना चाहते हैं..उनके लिए ये ग्राम चौपाल कृत संकल्प है ।
अब रामदास आयें सबके सामने और अपनी समस्या कहें ।
रामदास ने कहना शुरू किया -
मेरी समस्या बस इतनी ही है कि मैं बेरोज़गार हूँ..पढ़ा-लिखा हूँ ..शायद पढ़ने की वजह से ही बेरोज़गार हूँ ।कुछ करना चाहता हूँ..मगर मेरे पास पैसे नहीं हैं..हम लोग बहुत ही गरीब हैं ..यही हमारी समस्या है।
आप लोग अगर न हँसें मुझ पर तो एक बात कहूँ ।
मास्साब ने कहा- बोलो रामदास बोलो..बेझिझक.. हम बिलकुल भी नहीं हंसेंगे !
रामदास ने कहा-
बड़े-बड़े शहरों में अच्छे नस्ल के कुत्तों की बहुत डिमांड है..वो भी लाखों में । शहरों में आदमी से ज्यादा कुत्तों की इज्जत है..ख़ासकर रईसों के घरों में ।
मैं अच्छी नस्ल का कुत्ता पालना चाहता हूँ ..और उनके पपीज को प्रशिक्षित कर ..बेचकर अधिक से अधिक मुनाफा कमाना चाहता हूँ ।
मगर पपी आयेगा, कुत्ता के साथ कुतिया रखकर !!
गोलू ने कहा - और अगर कुतिया ना मिली तो ??
फिर का करेगा ??
इस बार तो ग्राम चौपाल के अधिकतर लोग हँसे बिना न रह सके ।
मास्साब के द्वारा हँसने वालों को डांट-फटकार लगाया गया ।
उसके बाद रामदास ने कहना जारी रखा ..
मगर दिक्कत यही है कि जोड़ी बहुत मुश्किल से मिलता है और बहुत ज्यादा मँहगा भी।
मास्साब ने कहा - रामदास, तुम्हारा आइडिया तो बहुत ही अच्छा है मगर इसमें दिक्कत ये है कि अगर जोड़ी न मिली तो ??
तुम्हारे बिजनेस की शुरुआत के लिए लगभग कितना पैसा चाहिए.. ये तो बताओ ??
रामदास ने कहा - कम से कम दो लाख रूपया।
मास्साब ने कहा - हमारा ग्राम चौपाल और पंचायत आपस में चर्चा कर दो दिन के अन्दर ही कोई सकारात्मक फैसला सुनायेगा ..आश्वस्त रहो बेटा जी ।
एक बात और..किसी भी बेरोज़गार बेटा या बिटिया को अपने दम पर कुछ करके आगे बढ़ने का मन हो तो..उसे हम अधिक से अधिक प्रोत्साहित करेंगे और अपने ग्राम बलमपुर को आगे बढ़ायेंगे !!
तो बेटा जी आप लोग निश्चिंत रहिये ।
आप सभी एक बात का जरूर ध्यान रखिये..आगे बढ़िये मगर अपने संस्कारों के साथ..अपने घर के बड़े-बुजूर्गों को मत भूलिये क्योंकि बुजूर्ग एक बरगद,पीपल और आम की तरह ऑक्सीजन दायिनी होते हैं जिनके बिना गाँव सूना लगता है !!
एक बात और, अगर आगे बढ़ गये तो कम से कम एक बेरोज़गार को आप लोग स्वयं ही आगे बढ़ायेंगे अवश्य ही !!
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दोस्तों ,
नमस्कार !!
अब इस ग्राम चौपाल की अगली शृंखला में देखते हैं कि मास्साब, इन बेरोज़गार युवकों के लिए क्या समाधान लेकर आते हैं !!
आशा है, समाधान..प्रेरक व अनुकरणीय होगा हम सबके लिए !!
तो इन्तज़ार रहेगा आप सभी का..आइयेगा ज़रूर 🙏🙏
सर्वाधिकार अधीन है