नहीं रहा सरकारी अधिकारियों को कार्रवाही का डर, झूठे तथ्य एवं आधी अधूरी सूचनाएं देते हैं मुख्यमंत्री पोर्टल एवं जिलाधिकारी को ।
अलीगढ़
ऑल ह्यूमन सेव एंड फॉरेंसिक फाउंडेशन कोर कमेटी मेंबर शिवानी जैन एडवोकेट ने कहा कि जनपद हाथरस में रविंद्र कुमार शर्मा जिला संगठन आयुक्त स्थाई नियुक्त को वर्षों से एक षड्यंत्र रचकर एवं जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा आदि अधूरी सूचनाऐं उच्च अधिकारियों को देकर प्रतिबंध लगा दिया गया। आश्चर्यजनक यह भी है कि वर्षों से कोई भी शुल्क या अन्य मद में कोई रुपया बाकी नहीं था। मगर अचानक अब लखनऊ द्वारा 85000 रुपए बकाया दिखाया जा रहा है। रविंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि वर्षों से आर्थिक रूप से एवं मानसिक रूप से उत्पीड़न किया जा रहा है। और भी आरोप लगाए गए हैं। जोकि गलत है।
मा० मुख्यमंत्री जी उत्तर प्रदेश शासन को पत्र लिखकर जांच की मांग की है।
भारत स्काउट और गाइड जिला अलीगढ़ फर्जी नियुक्ति प्रकरण एवं तीन सरकारी प्रधानाचार्य जो कि फर्जी नियुक्ति प्रकरण में संलिप्त हैं,के द्वारा भारत स्काउट और गाइड में जिला संगठन आयुक्त एवं जिला प्रशिक्षण आयुक्त पदों पर फर्जी नियुक्तियां कर दी गई। मगर आज तक सभी जांचें ठंडे बस्ते में है। डॉ कंचन जैन ने बताया कि मा० मुख्यमंत्री पोर्टल पर, माननीय जिलाधिकारी अलीगढ़ एवं उच्च अधिकारियों को जिला विद्यालय निरीक्षक अलीगढ़ द्वारा आधी अधूरी सूचनाएं, गलत तथ्य प्रेषित किए जा रहे हैं। जिसकी सूचना उच्च अधिकारियों को दे दी गई है। उन्होंने कहा कि बार-बार 13 अक्टूबर 2022 का पत्र जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा लगाया जाताहै।
जब कि 25 अप्रैल 2023 में संयुक्त शिक्षा निदेशक अलीगढ़ मंडल द्वारा फर्जी नियुक्ति प्रकरण में जांच लिखी गई। उससे पूर्व में भी जांच लिखी गई है। दिनांक 16 अगस्त 2024 में पुनः संयुक्त शिक्षा निदेशक अलीगढ़ मंडल द्वारा जांच की रिपोर्ट मांगी गई। माननीय शहर विधायक द्वारा 3 अगस्त 2024 में एवं 17 अगस्त 2024 में पत्र निष्पक्ष जांच के लिए लिखा गया। मगर आज तक कोई भी जांच नहीं की गई और ना ही कोई रिपोर्ट उपलब्ध कराई गई। नवीनीकरण शुल्क जमा होने के बावजूद पक्की रसीदें नहीं दी जा रही है। फर्जी नियुक्ति प्रकरण में संलिप्त श्री अंबुज जैन प्रधानाचार्य, डॉ इंदु सिंह प्रधानाचार्य, श्री डालेश कांकरान प्रधानाचार्य द्वारा लिखित में दिया गया कि नवीनीकरण शुल्क जमा नहीं। इस तरह कितनी ही स्वतंत्र कंपनीयों एवं स्वतंत्र दलों का शुल्क हड़प लिया गया। और फिर शिकायत करने पर प्रतिबंध लगाकर बंद कर दिया गया।