दशको से मै रहा उपेक्षित ,
विंध्यक्षेत्र को अंक समेटे l
दुर्बल क्षेत्र कोई करुश कहे मुझे ,
सफ़ेद टाइगर्स की सान मैं हूँ l
हां ! मैं बघेलखंड हूँ ....
लोक नाट्य बिसाती लीला,
नर्तकिन की पहचान हूँ l
राई मृदंग की ताल मैं नाचू ,
गीत बघेली की मीठी तान हूँ l
हा हा मैं बघेलखण्ड हूँ l
माता शारदा विंध्यवासनी ,
चित्रकूट राघव का धाम हूँ l
रीवा सतना सीधी कटनी ,
शहडोल उमरिया सिंगरौली पहचान हूँ l
हां मैं बघेलखंड हूँ ....
सोन नर्मदा तमसा बेतवा ,
केन काली सिंध अंक प्रवाहित l
सीमेन्ट, जिप्सम लौह और चांदी
बाक्साएट की खान हूँ l
हां मैं बघेलखंड हूं .....
बघेल रियासत अप्रतीम संस्कृति ,
अगनित गुनो की खान हूँ l
कहते पिछड़ा फिर भी मुझको ,
सरकारी उपेक्षाओ की मार हूँ l
हाँ मैं बघेलखण्ड हूँ .... ..
तेजप्रकाश पाण्डेय लिखित ✍️