New रचनाकारों के अनुरोध पर डुप्लीकेट रचना को हटाने के लिए डैशबोर्ड में अनपब्लिश एवं पब्लिश बटन के साथ साथ रचना में त्रुटि सुधार करने के लिए रचना को एडिट करने का फीचर जोड़ा गया है|
पटल में सुधार सम्बंधित आपके विचार सादर आमंत्रित हैं, आपके विचार पटल को सहजता पूर्ण उपयोगिता में सार्थक होते हैं|

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.



The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

New रचनाकारों के अनुरोध पर डुप्लीकेट रचना को हटाने के लिए डैशबोर्ड में अनपब्लिश एवं पब्लिश बटन के साथ साथ रचना में त्रुटि सुधार करने के लिए रचना को एडिट करने का फीचर जोड़ा गया है|
पटल में सुधार सम्बंधित आपके विचार सादर आमंत्रित हैं, आपके विचार पटल को सहजता पूर्ण उपयोगिता में सार्थक होते हैं|

The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

अंतिम पुकार

तुम अपनी घोर निद्रा से उठो और हमको वैसे ही पुकारो हमेशा की भांति खूब चिल्लाओ तुमको हम सब नाराज होते थे अब कभी कुछ नही बोलेंगे तुम एक बार आ जाओ बस
हमारी पुकार सुन कर
अब हमसे नही रहा जाता
तुम्हे देख लूं एक बार तुम इतने
निर्मोही भी नहीं थे की भाई की वो करुण पुकार जो अपने भईया को बुला रहे है बहन तुम्हे जगा रही राखी की कीमत मांग रही आज मां का धैर्य समाप्त हो गया उनके आंखों के आंसू जो तुम्हे भीगा रहे है उनकी करुण पुकार उनके चेहरे की शिकन टूट चुके सपने जीवन की लालसा और तुमसे मिलन की राह
और टूट गई तुम्हारी आवाज सुनने की चाह
तुम्हे गलें लगाने की आश
तुम्हे फिर से गोद में खिलाने की आंचल के नीचे छुपाने की अपने जीवन के सहारे की और तुम से मिलने की सारी उम्मीदें
कर रहे हैं हम सब तुम्हारा इंतजार फिर से रहे हैं तुम्हे पुकार
सुन लो हमारी ये अंतिम पुकार
यही है हमारी अंतिम पुकार
लेखक शुभम तिवारी




समीक्षा छोड़ने के लिए कृपया पहले रजिस्टर या लॉगिन करें

रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (3)

+

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Bahut khoob sir ji 👌👌🙏🙏

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

श्रीमान आपकी कविता इतनी अच्छी थी कि अपने पाठकों के सामने इसे प्रस्तुत करने से खुद को हमारी टीम रोक नहीं पायी, आपकी अमरउजाला वाली रचना को लिखन्तु टीम ने लिखन्तु डॉट कॉम पर पब्लिश किया था, यदि उस सन्दर्भ में आपको कोई आपत्ति है तो वह रचना हटा दी जाएगी, अन्यथा की स्थिति में वह रचना आपके अकाउंट में ट्रांसफर कर दी जाएगी - आपके प्रति उत्तर की प्रतीक्षा में

Shravan tiwari replied

Nhi mujhe koi aapatti nahi hai Mai clear kr rha tha aur kripya meri photo update kaha se hogi

Manju Sharma said

Bahut Umda Lekh.

काल्पनिक रचनायें श्रेणी में अन्य रचनाऐं




लिखन्तु डॉट कॉम देगा आपको और आपकी रचनाओं को एक नया मुकाम - आप कविता, ग़ज़ल, शायरी, श्लोक, संस्कृत गीत, वास्तविक कहानियां, काल्पनिक कहानियां, कॉमिक्स, हाइकू कविता इत्यादि को हिंदी, संस्कृत, बांग्ला, उर्दू, इंग्लिश, सिंधी या अन्य किसी भाषा में भी likhantuofficial@gmail.com पर भेज सकते हैं।


लिखते रहिये, पढ़ते रहिये - लिखन्तु डॉट कॉम


© 2017 - 2025 लिखन्तु डॉट कॉम
Designed, Developed, Maintained & Powered By HTTPS://LETSWRITE.IN
Verified by:
Verified by Scam Adviser
   
Support Our Investors ABOUT US Feedback & Business रचना भेजें रजिस्टर लॉगिन