नाम- श्री वेदव्यास मिश्र [SHRI VEDVYAS MISHRA]
पिता का नाम- श्री कृष्णाधार मिश्र [SHRI KRISHNADHAR MISHRA]
माता का नाम- श्रीमती शिव कुमारी मिश्रा [SHRIMATI SHIV KUMARI MISHRA]
शिक्षा- बी.एस सी.( बायो.),एम.ए.( हिन्दी ) , डी.एड.
जाॅब- हेड मास्टर ( मिडिल स्कूल )
Website- https://vvmishra.in/
रूचि- साहित्य, फिल्म, कोरियन ड्रामा, संगीत क्लासिकल एवं फ्यूजन सुनना एवं सिंगिंग, पद्य एवं गद्य लिखना एवं पढ़ना
कृति- द फ्लाॅवर ऑफ वर्ड (हिन्दी) ब्ल्यूरोज पब्लिकेशन के द्वारा प्रकाशित एवं एक शानदार उपन्यास अभी अंडर पब्लिशिंग प्रोसेस में है
सोशल एक्टिविटी-
फेसबुक पर सक्रिय- आप फेसबुक पर बतौर कवि एवं लेखक बहुत पसंद किये जाते हैं, यहाँ आपकी लगभग 8000 कवितायें,अनगिनत लेख व आत्मकथा के साथ ही साथ बहुत सारी कहानियाँ भी प्रकाशित हैं।
जिनमे विशेषत: मोटिवेशनल लव स्टोरी.. "इश्क़ की परछाई" बहुत प्रशंशनीय एवं सराहनीय रही।
यूट्यूब पर सक्रिय- आप यूट्यूब पर भी सक्रिय रहते हैं जहाँ आप सेल्फमेड सांग एवं सेल्फमेड म्यूजिक एंड कम्पोजिंग करते हैं, जिनमे से लगभग 100 गाने यूट्यूब पर पब्लिश हैं जिनको दर्शकों एवं संगीत प्रेमियों का बहुत प्यार मिला है।
भाषा- आप हिन्दी, छत्तीसगढ़ी एवं भोजपुरी भाषाओँ में लेखन करते हैं।
विशेष- लिखन्तु डाॅट काॅम पर आपने अभी अभी लिखना शुरू किया है जहाँ आपकी 100 से ज्यादा रचनायें प्रकाशित हैं, इसके साथ साथ आप अमर उजाला काव्य के लिए भी लिखते हैं जहाँ आपकी लगभग १४५ रचनायें प्रकाशित हैं।
सम्मान - लिखन्तु डॉट कॉम पर प्रतिष्ठित रचनाकार सम्मान
इसके साथ साथ आपकी रचनाएं "मुझे प्रीत में ये मंज़ूर नहीं" एवं "जीवन में कुछ शायरी तो होनी ही चाहिए" को लिखन्तु डॉट कॉम पर पाठको के द्वारा बहुत सराहा गया जिसके परिणाम स्वरुप दोनों रचनाएं अप्रैल २०२४ की शीर्ष १० रचनाओं में शुमार रहीं।
आपका विचार- जिन्दगी जब हमें स्वयं ही सपने दिखाती है तो हमें सपने भी देखने चाहिए और उसे हकीक़त में भी परिणीत करनी चाहिए..यही जीवन का सर्वश्रेष्ठ एवं अनमोल आनन्द है !!