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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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कविता की खुँटी

                    

फिर हो गई सुबह

फिर हो गई सुबह,
....फिर संघर्षों से मेल होगा,
फ़िर होंगी चुनौतियाँ जीवन में,
....फिर लहरों का खेल होगा,
फिर नैया पार लगाना,
....किनारे तक इसको ले जाना,
फिर जीवन से मेल होगा,

फिर हो गई सुबह,
....फिर संघर्षों से मेल होगा,
फिर यादें सताएंगी मुझको,
....फिर टूटे दिलो का खेल होगा,
फिर होगी ढलती चांदनी,
....फिर रात का पहर होगा,

फिर हो गई सुबह,
....फिर संघर्षों से मेल होगा,(2)

कवि राजू वर्मा


यह रचना, रचनाकार के
सर्वाधिकार अधीन है


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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (17)

+

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

बहुत खूबसूरत और दिल को छू लेने वाली कविता है! हर सुबह के साथ नए संघर्षों और यादों का स्वागत करना, जीवन की सच्चाई को बहुत ही सरल और असरदार तरीके से दर्शाया है। “फिर हो गई सुबह, फिर संघर्षों से मेल होगा” — यह पंक्ति हर नए दिन की ताकत और उम्मीद की मिसाल है। आपके शब्दों में जज्बा और संवेदना दोनों हैं, वाह! 🌅✨

राजू वर्मा replied

Tx sir Aapne bhut support Kiya hai mujhe

उपदेश कुमार शाक्यावार said

दिल को छू लेने वाली कविता...बहुत खूब

राजू वर्मा replied

Tx updesh ji

पवन कुमार "क्षितिज" said

बहुत बढ़िया 6

राजू वर्मा replied

Tx sir

अमित श्रीवास्तव said

लाज़वाब रचना क्या कहने हैं

राजू वर्मा replied

Tx sir

अमित सोलंकी said

शानदार कलमकारी उम्दा रचना

राजू वर्मा replied

Dhanywaad amit ji

अनिल कुमार शर्मा said

फिर हो गई सुबह, ....फिर संघर्षों से मेल होगा - बेहतरीन पंक्तियाँ शानदार रचना

राजू वर्मा replied

Tx ji

Ankush Gupta said

Uttam Rachna Kya Sargarbhit roop me likha hai, behtreen Abhivyakti.

राजू वर्मा replied

Tx ankush ji

डाॅ पल्लवी "गुंजन" said

सुबह और नयी उम्मीदों के बिच का नवजागरण जैसा सम्बन्ध जो होता है नयी चुनौतियाँ नया प्रारम्भ आपने बहुत बारीकी एवं सुंदरता से चित्रित किया है वो भी इतने काम शब्दों में आपको बधाई हो

राजू वर्मा replied

Tx dr ji

शिवचरण दास said

बहुत खूब

राजू वर्मा replied

Tx sir

प्रभाकर said

Nice

राजू वर्मा replied

Tx ji

मोहन कुमार said

Waah bahut lazwaab likha hai...फिर हो गई सुबह, फिर संघर्षों से मेल होगा kya kalpna hai kya saundarya hai, lazwaab koi mel nahi iska

राजू वर्मा replied

Tx sir क्या करूं सर जब से होस संभला तब से संघर्ष ही कर रहा हूं , ik nayi subha nayi chunauti laati hai

Nand Kishor said

Bahut khoob prerana aur sangharshon ka Anupam sanyojan us par subah ka anokha varnan pahali bar padhne ko mila

राजू वर्मा replied

Tx nand kishore ji

Vineet Garg said

बेहतरीन प्रस्तुति बहुत खूबसूरत 👌👌👏👏

राजू वर्मा replied

Tx vineet ji

Manju Sharma said

काबिले तारीफ रचना 🙏🙏

राजू वर्मा replied

Tx ji

Manju Sharma said

बहुत सुंदर रचना ,बहुत खूबसूरत और दिल को छू लेने वाली कविता 👌👌✍️✍️👏👏

राजू वर्मा replied

Tx manju ji

फ़िज़ा said

Zindagi ki AzeeboGareeb Kashmkash ko darshati huyi, jiwan ki sachhayi ko bayan karti huyi masterpiece creativity, aapne bahut achha likha hai...Tarif ke liye shabd nahi...logo ke liye ek prerana ke roop m jiwant rahegi aapki yeh rachna.👏👏👌👌✍️✍️👍

राजू वर्मा replied

Tx fiza ji

देवांशी पटेल said

बहुत खूब लिखा है, हर रोज़ नयी सुबह नयी चुनौतियाँ नए हौसले नया द्वन्द नया संग्राम - बहुत खूब

राजू वर्मा replied

Tx devanshi ji Hosla dene ke liye

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