नाम- श्रीमती वन्दना सूद [SHRIMATI VANDANA SOOD]
पिता का नाम- श्री वीरेन्द्र कपूर [SHRI VIRENDRA KAPOOR]
माता का नाम- श्रीमती सावित्री कपूर [SHRIMATI SAVITRI KAPOOR]
शिक्षा- मास्टर ऑफ़ साइंस (MSc in Mathematics)
जाॅब- ट्यूशन टीचर
रूचि- आपको धर्म- भजन सुनना ,ग्रन्थ,साहित्य पढ़ना;कला-पेंटिंग करना,कुकिंग,लेखन ;संस्कृति-त्योहारों या रीति-रिवाज़ को विधि-विधान से करना ,योगाभ्यास और प्रकृति:प्रकृति से जुड़ी हर एक चीज़ को चाहे पशु-पक्षी ,पेड़-पौधे ,ट्रैकिंग करना उनके साथ समय बिताना और उनकी फोटो खींचना बेहद पसंद है जो आपकी रचनाओं में भी नजर आता है
लिखन्तु डॉट कॉम पर लिखी गयी आपकी अधिकतम रचनाये प्रकृति पर केंद्रित होती हैं जिनको पाठकों की सराहना भी मिलती है
आपकी रचनाओं के माध्यम से जाना जा सकता है की आप प्रकृति एवं पशु पक्षियों के प्रति कितनी सजग हैं - जो आपके बेहतर सुन्दर चरित्र को उजागर करता है
उपलब्धियां- आप अपने स्कूल व कॉलेज के समय से ही स्पोर्ट्स(sports) ,निबंध प्रतिस्पर्धा(essay competition),कला में और शिक्षा में आगे रही हैं एवं आपको इनमे विभिन्न स्तरों पर कई बार पुरस्कृत किया गया है।
सामाजिक योगदान- आप सामाजिक तौर पर अनाथालय [Orphanage],वृद्धाश्रम [Old Age Home], एवं हरिद्वार गौशाला से निरन्तर जुडी रहती हैं जिसके सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलते हैं
सोशल एक्टिविटी- आप लिखन्तु डॉट कॉम, यूट्यूब, फेसबुक ,इंस्टाग्राम और शेयर चैट पर सक्रिय रहती हैं जहाँ 'meri_raahein' नाम से हैंडल पर आप अपनी लिखी शायरी ,कविता ,कोट्स और धार्मिक वीडियो प्रकाशित करती हैं इसके साथ साथ आप अमरउजाला काव्य पर भी सक्रिय हैं - अमरउजाला काव्य पर आपकी अब तक ३००+ रचनायें पब्लिश हो चुकी हैं लिखन्तु डॉट कॉम से जुड़ने के बाद से आप यहाँ भी निरंतर सक्रिय हैं एवं पाठकों के बीच में चर्चा का केंद्र रहती हैं - आपकी लिखी हुयी प्रकृति/धार्मिक रचनायें पाठकों को अत्यधिक पसंद आती हैं।
लेखन की शुरुआत- आपके लेखन जीवन की दिशा को कदम आपके मित्रों द्वारा मिला जिन्होंने आपकी सकारात्मक सोच को लेखन का रूप बना दिया ।
आपकी कविता ,कहानी या कोट्स में आपकी माता जी से मिली धर्म-भक्ति ,पिताजी से मिले धर्म व लाइफ को प्रैक्टिकल जीने की राह और आपके दादा जी के परिवार का आज़ादी की लड़ाई में गाँधी जी के साथ शामिल होने से देशभक्ति की ख़ुशबू और आपके पति की सरकारी नौकरी की वजह से समाज के अलग-अलग वर्ग की भावनाये समाहित हैं - जो लिखन्तु डॉट कॉम पर लिखी गयी आपकी रचनाओं में देखने को भी मिलता है
व्यक्तिगत सन्देश/विचार- मेरा लेखन समाज की देन है जीवन में जो भी होना है वो होकर ही रहता है इसलिए हम सुखों को जैसे गले लगाते हैं वैसे ही दुखों का भी स्वागत करें तो जीवन आसान हो जाएगा क्योंकि कोई भी पल सदा रहने वाला नहीं है।मेरा यही लक्ष्य है कि अपने धर्म और कर्म को निखारते हुए दूसरों के जीवन को भी प्रकाशित करना है ।
मेरा मुझ में कुछ नहीं,जो कुछ है वो तेरा ।
तेरा तुझको सौंपना हैं, क्या लागे है मेरा ॥
लिखन्तु डॉट कॉम पर आपकी रचनाये यहाँ पढ़ी व् देखी जा सकती हैं