हम ने सोचा _ फिर सोचा _ बहुत सोचा फिर पूछा खुदा से
गर्दीशें ही गरदिशें गुजरी जन्म से अबतक माजरा क्या है
ख्याल आया दिल में तू एक यादगार सबक है जहान के लिए
बता दूं ए जहान वालों तारीखी क़िताब में सभी नहीं होते
वसी अहमद क़ादरी
वसी अहमद अंसारी