Newसभी पाठकों एवं रचनाकारों से विनम्र निवेदन है कि बागी बानी यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करते हुए
उनके बेबाक एवं शानदार गानों को अवश्य सुनें - आपको पसंद आएं तो लाइक,शेयर एवं कमेंट करें Channel Link यहाँ है

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.



The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

Newसभी पाठकों एवं रचनाकारों से विनम्र निवेदन है कि बागी बानी यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करते हुए
उनके बेबाक एवं शानदार गानों को अवश्य सुनें - आपको पसंद आएं तो लाइक,शेयर एवं कमेंट करें Channel Link यहाँ है

The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

यह संसार एक खेत

यह संसार एक खेत
यह संसार एक खेत
इस खेत के हम एक किसान
बिन मोल चुकाए फसल खाते हैं
फिर भी पीढ़ी दर पीढ़ी कर्ज़े में ही रहते हैं ..

बिन मोल मिली सूरज की किरणें
मिले यहाँ निर्मल जल के कुएँ ,नदियाँ ,तालाब और झरने
मिली स्वच्छ पवन पेड़ों की जड़ता से
वहीं पवन को ठहराव मिला ऊँचे पर्वतों की दृढ़ता से ..

फल-फूल,धन-धान्य से भरपूर यह धरती मिली
समुद्र की लहरों को अनुशासित करती चन्द्रमा की किरणें मिली
तन को स्वस्थता,मन को निर्मलता और आत्मा को पवित्रता सिखाती प्रकृति मिली
जीवन को खुशहाल बनाती रंगों से भरी ऋतुएँ मिलीं..

इन खेतों की खेती अद्वितीय,बिन माँगे ही झोलियाँ भरती
पर किसान की मूर्खता देखो ,जिसने इनकी महता न जानी
अपनी प्रयोगशाला से वातावरण के पुनर्चक्रण को गवाया
बेबुनियाद अपनी उन्नति से स्थायी खेतों को बंजर कर डाला ..
वन्दना सूद


यह रचना, रचनाकार के
सर्वाधिकार अधीन है


समीक्षा छोड़ने के लिए कृपया पहले रजिस्टर या लॉगिन करें

रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (5)

+

Devender Kumar said

the voice of a poetess/poet is voice of Godess of justice, thanks for speaking for those who need you

वन्दना सूद replied

🙏🙏

उपदेश कुमार शाक्यावार said

वंदना की विचारधारा ने खेती का भाव सुधारा...अति उत्तम ..नमस्कार स्वीकार करे

वन्दना सूद replied

नमस्कार sir 😊

कमलकांत घिरी said

बिल्कुल सही कहा मैम आपने आज का मानव अधिक उत्पादन के लिए अपनी प्रयोगों से नए नए रसायनों का इजात तो कर ही लिया है किंतु साथ में हमारी प्यारी वसुंधरा को बंजर बनाने का भी साधन जुटाया है जो बहुत ही निंदनीय है🙏आपको मेरा सादर प्रणाम मैम जी🙏

वन्दना सूद replied

सादर प्रणाम कमल जी 🙏🙏😊

रीना कुमारी प्रजापत said

Bilkul sahi kaha aapne 👌👌 ati uttam bhav🙏🙏 pranaam

वन्दना सूद replied

शुक्रिया जी 🙏🙏

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Bahut hi anmol shabdon ke sanyog se anupam Rachna Bani hai...aur aapne yeh bahut hi khoob kaha Adarneey "अपनी प्रयोगशाला से वातावरण के पुनर्चक्रण को गवाया" Param Satya...🙏🙏

वन्दना सूद replied

बहुत बहुत धन्यवाद आपका 🙏🙏

कविताएं - शायरी - ग़ज़ल श्रेणी में अन्य रचनाऐं




लिखन्तु डॉट कॉम देगा आपको और आपकी रचनाओं को एक नया मुकाम - आप कविता, ग़ज़ल, शायरी, श्लोक, संस्कृत गीत, वास्तविक कहानियां, काल्पनिक कहानियां, कॉमिक्स, हाइकू कविता इत्यादि को हिंदी, संस्कृत, बांग्ला, उर्दू, इंग्लिश, सिंधी या अन्य किसी भाषा में भी likhantuofficial@gmail.com पर भेज सकते हैं।


लिखते रहिये, पढ़ते रहिये - लिखन्तु डॉट कॉम


© 2017 - 2025 लिखन्तु डॉट कॉम
Designed, Developed, Maintained & Powered By HTTPS://LETSWRITE.IN
Verified by:
Verified by Scam Adviser
   
Support Our Investors ABOUT US Feedback & Business रचना भेजें रजिस्टर लॉगिन