Newहैशटैग ज़िन्दगी पुस्तक के बारे में updates यहाँ से जानें।

Newसभी पाठकों एवं रचनाकारों से विनम्र निवेदन है कि बागी बानी यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करते हुए
उनके बेबाक एवं शानदार गानों को अवश्य सुनें - आपको पसंद आएं तो लाइक,शेयर एवं कमेंट करें Channel Link यहाँ है

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.



The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

Newहैशटैग ज़िन्दगी पुस्तक के बारे में updates यहाँ से जानें।

Newसभी पाठकों एवं रचनाकारों से विनम्र निवेदन है कि बागी बानी यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करते हुए
उनके बेबाक एवं शानदार गानों को अवश्य सुनें - आपको पसंद आएं तो लाइक,शेयर एवं कमेंट करें Channel Link यहाँ है

The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

क्या किसीको पाने की कीमत खुद को खो देना है

May 28, 2025 | विषय चर्चा | Pragya kashyap  |  👁 314,730

कई बार लगता है कि किसी को अपने पास रखने के लिए,
हमें अपने आप से दूर जाना पड़ता है।

किसी को इतना चाहने लगते हैं कि धीरे-धीरे उस इंसान की पसंद, उसकी आदतें, उसकी खामोशी तक हमारे अंदर उतर जाती है।
और हमें यह भी समझ नहीं आता कि कब हम खुद से दूर हो गए।
हम यह सोचते हैं कि शायद यही प्यार है ,
खुद को मिटा देना, बस उसे देखना, उसके लिए रहना।
पर क्या यही सच है?

असल में,
प्यार में खुद को खोना नहीं पड़ता,
प्यार में खुद को पाना चाहिए।

किसी और की दुनिया में इतना घुल जाना कि अपनी दुनिया धुंधली लगने लगे ,
शायद वो मोह है, प्यार नहीं।
और मोह की सबसे बड़ी पहचान यही है कि वो हमें बेबस, मेहग़ूम और मजबूर बना देता है ,
तीनों ऐसे जज़्बात जिनसे हम बचना चाहते हैं।

कभी-कभी हम किसी को इतने भीतर तक अपनाते हैं कि,उसके बर्ताव, उसके शब्द, यहाँ तक कि उसकी ख़ामोशी भी हमारे लिए इशारा बन जाती है।
हम हर बार खुद से समझौता करते हैं…
सोचते हैं, "कोई बात नहीं, वो मेरे लिए इतना ही करदे"
पर वो उतना भी नहीं करता…
और हम खुद को समझाते हैं कि शायद हम ही ज़्यादा उम्मीद कर रहे थे।
तो क्या किसी को पाने की कीमत खुद को खो देना है?

नहीं
पाना कभी भी खोने की शर्त पर नहीं होना चाहिए।
रिश्ते अगर किसी की पहचान मिटा कर बनते हैं, तो वो रिश्ते नहीं होते — वो समझौते होते हैं, और समझौते अगर सिर्फ एक तरफ़ा हों, तो धीरे-धीरे आत्मा को थकाने लगते हैं।

असल जुड़ाव वो है ,
जहाँ दो लोग एक-दूसरे की दुनिया में शामिल तो हों,
पर अपनी दुनिया छोड़कर नहीं,
बल्कि साथ लेकर आए हों।

हमें ये समझना होगा कि
प्यार तब पूरा होता है जब वो दो अस्तित्वों को एक में नहीं,
बल्कि दो आज़ाद आत्माओं को साथ चलने देता है।

किसी को पा लेना महत्वपूर्ण नहीं,
अपने आप को खोए बिना उसे साथ रख पाना ,
वो कला है, वो प्रेम है, वही सच्ची उपलब्धि है।

क्योंकि अगर खुद को ही खो दिया,
तो जो साथ बचेगा, वो तुम्हारा नहीं होगा ,
वो बस किसी और की परछाई में तुम्हारा खोया हुआ अक्स होगा।




समीक्षा छोड़ने के लिए कृपया पहले रजिस्टर या लॉगिन करें

रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (4)

+

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Waah lazwaab lekhan uttam rachna

Shiv Charan Dass said

वाह वाह

सुभाष कुमार यादव said

मोह और प्रेम का सुंदर वर्णन। 👌

Vadigi.aruna said

Bahut khoob👌👌

विषय चर्चा श्रेणी में अन्य रचनाऐं




लिखन्तु डॉट कॉम देगा आपको और आपकी रचनाओं को एक नया मुकाम - आप कविता, ग़ज़ल, शायरी, श्लोक, संस्कृत गीत, वास्तविक कहानियां, काल्पनिक कहानियां, कॉमिक्स, हाइकू कविता इत्यादि को हिंदी, संस्कृत, बांग्ला, उर्दू, इंग्लिश, सिंधी या अन्य किसी भाषा में भी likhantuofficial@gmail.com पर भेज सकते हैं।


लिखते रहिये, पढ़ते रहिये - लिखन्तु डॉट कॉम


LIKHANTU DOT COM © 2017 - 2025 लिखन्तु डॉट कॉम
Designed, Developed, Maintained & Powered By HTTPS://LETSWRITE.IN
Verified by:
Verified by Scam Adviser
   
Support Our Investors ABOUT US Feedback & Business रचना भेजें रजिस्टर लॉगिन