बंदर बन गया ठेकेदार,
फैला रहा भ्रष्टाचार।
करोड़ों का है सरकारी अनुदान,
करोड़ों का है चंदा।
मिलकर गंजे डियर से,
मिनटों में कर देगा बंदर बांट।
हंस-हंसकर बदरिया को,
सुनाता है चुटकुले।
पीकर सिगरेट,
उड़ाता है छल्ले।
दस्तावेज तो ऐसे होते हैं गायब,
जैसे गधे के सिर से सींग।
काकी ताई है माहिर,
बजाती है बीन।
उस पर है,
सांप के काटे का मंत्र।
एक एक,
अच्छे-अच्छे षड्यंत्र।
इसकी महिमा निराली है,
लखनऊ होती,
आगरा बतलाती है।
ऐसे षड्यंत्रकारीयों को ऐ!"विख्यात"
मेरा प्रणाम ।
आरती करूं तेरी,
रहियो दूर सुबह शाम।

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




