कविता : तुम्हारे प्यार में....
तुम को बहुत प्यार करके भी
मुझ को बुरा कहने वाली
मुझे छोड़ छाड़ किसी
गैरों के संग रहने वाली
वो एक बर्तमीज है
उस से तंग हो जाओगी
दौड़ दौड़ उस दिन तुम
जरूर मेरे पास आओगी
जी रहा दिल में पत्थर
रख कर इसी इंतजार में
मैं तो सांसें गिन रहा
जानू तुम्हारे ही प्यार में
मैं तो सांसें गिन रहा
जानू तुम्हारे ही प्यार में.......
netra prasad gautam