ये कैसी जाती है जो जाती नहीं है,
ये कैसी जाती है जो समझ में आती नहीं है,
कई देश तोड़े कई घर भी तोड़े तूने,
फ़िर भी तू मन भाती नहीं है,
अपने-अपनों को बांटा और भेदभाव किया तूने,
पता नहीं ये कैसी जाती है,
जो जाती नहीं है,
अपने-अपने को नीचा समझने लगे,
क्यों तुझ में एकता आती नहीं है,
ये कैसी जाती है जो जाती नहीं है,
...............जो जाती नहीं...
Kavi Raju Verma ..... 9803434175
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