अंधेरे कोनों में,
छिपा है खजाना।
भूतों की पहरेदारी,
रात भर चलता नाचा।
पुराने किले में,
दरवाजे बंद हैं।
भूतिया कहानियां,
हवा में मंडराती हैं।
काले कपड़े पहने,
लाल आंखें चमकती।
भूतों की चीखें,
रात को गूंजती।
खजाने की रक्षा में,
लगे हैं पहरेदार।
कोई न जा सके पास।
ये है उनका फरमान।
सोने के सिक्के,
हीरे जवाहरात।
खजाने में छिपे हैं,
अनमोल रत्न।
लालची लोग आते हैं,
खजाने को लूटने।
लेकिन भूतों के डर से,
वापस लौट जाते हैं।