ना जाने क्यों रो रहा है
पर ये दिल रो रहा है,
किसी को फ़िक्र नहीं उसकी
पर वो फ़िक्र सभी की कर रहा है।
अकेला है वो पर साथ सभी का दे रहा है
ये दिल रो रहा है....
ना जाने क्यों रो रहा है
पर ये दिल रो रहा है,
नफ़रतें भरी पड़ी है दिलों में उसके लिए
और वो बेइंतहा मोहब्बत सभी से कर रहा है।
खुद नाखुश है पर खुशी सभी को दे रहा है
ये दिल रो रहा है....
ना जाने क्यों रो रहा है
पर ये दिल रो रहा है,
किसी के दिल में नहीं वो
पर अपने में जगह सभी को दे रहा है।
खुद नहीं किसी की यादों में पर याद सभी को कर रहा है ये दिल रो रहा है....
"रीना कुमारी प्रजापत"