ज़िन्दगी रोशन है चराग-ए-उम्मीद से
किसीके मरने की क्या उम्मीद करे
दुःख तो दुःख है दोस्तों
किसीके दुःख में अपना सुख थोड़ी है
यह मत समजना उम्मीद-ए-ग़ालिब
यह लड़ाई अंतिम है l
अक्सर लोग इसी ख्वाब में रहते है
किसीके हार को अपनी जीत मानते है
हार तो हार है दोस्तों
किसीके हार में अपनी जीत थोड़ी है
यह मत समजना मोहब्बत-ए-ग़ालिब
यह दुश्मनी अंतिम है l
किसीने नवाज़ा हमें जिंदगी देकर
उसके उपहार पे एतबार कर
मौत तो मौत है दोस्तों
किसीके मौत में अपना जीवन थोड़ी है
यह मत समजना जिंदगी-ए-ग़ालिब
यह जीवन अंतिम है l
✍️ प्रभाकर, मुंबई ✍️