तेरी मेरी यह जिंदगी अजीब क्यों होती है,
एक सवाल का दो जवाब तो हजार सवाल खड़े हो जाते हैं,
यहाँ ना कोई समझता है, ना कोई समझाता है,
अजबो गरीब हालत में छोड समय भी पास से हंसते हुए निकल जाता है,
समझने समझाने के चक्कर में दिन रात भी नाराज हो जाते हैं,
इन सब के चक्कर में दिल, मन भी टूट जाते हैं,
----धर्म नाथ चौबे मधुकर