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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

यादो की दौलत

उसकी यादों को दौलत समझकर सम्हाल रही।
इश्क होने से नही बे-घर से जिन्दगी बेहाल रही।।

जब हम तुम मिले वक्त टुक-टुक देखता रह गया।
उसके जाने के बाद से मेरी किस्मत बदहाल रही।।

फिर भी उससे नही शिकायत उल्फत के खेल में।
उसकी यादें ही मेरी धड़कने यादकर निढाल रही।।

उसके लहजे में एक नजाकत से सुकून पाया मैंने।
उसकी बाते दोहराया करती भड़ास निकाल रही।।

हुस्न पर गुरूर और गुरूर का खुद ओरा 'उपदेश'।
उस ओरे में तस्वीर अब तक उसकी सम्भाल रही।।

- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (4)

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सरिता पाठक said

बहुत खूब, बहुत सुन्दर 👌🙏🙏

शिवचरण दास said

उसके एक लहजे से सुकून मिल गया है खूब
उपदेश आपके शब्दों में रंग खिल गया है खूब

मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

उसके लहजे में एक नजाकत से सुकून पाया मैंने। वाह! यादों में डूबीं हुई प्रेम की सुंदर कहानी।सर जी सादर प्रणाम 🙏🌹

ललित दाधीच said

आपका भी Aura hai 😃😃 bahut सुंदर रचना 🧡🧡

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