अपने फन का वो बड़ा उस्ताद होता जा रहा है
हर कोई बरबाद वो आबाद होता जा रहा है ।।
नित नई हैं महफिलें और नित नई फरमाइशे
वो यहां सच में खरा इन्सान होता जा रहा है।।
कातिलो को है मिला ठेका यहाँ इंसाफ का
इसलिए तो रोज कतले आम होता जा रहा है ।।
इस शहर में घुस गया है कोई सच्चा आदमी
आजकल चर्चा यही कुछ आम होता जा रहा है।।
हर किसी ने फेर लीं आंखे यहां पर बे वजहा
दास तो अब इस कदर बदनाम होता जा रहा है।।
सच का लेके हैं चले आंधियों में पागल चराग
हर जिंदगी का रास्ता गुमनाम होता जा रहा है।।