वो बेमुरव्वत है अवसर पड़ने पर मुंह फेर लेती है,
कैसे कहूं फिर उसे मैं अपना दोस्त
ज़रूरत पड़ने पर जब वो धोखा दे देती है।
दोस्ती का फ़र्ज़ तो वो कभी निभाती ही नहीं है,
और कहती है तुम्हारे सबसे अच्छे दोस्त हैं हम।
बताओ भला अच्छे दोस्त ऐसे होते हैं,
अच्छे दोस्त ग़म और खुशी दोनों में साथ रहते हैं
और वो तो ऐसा कभी कुछ करती ही नहीं है।
दोस्ती का दिखावा कर बहुत ही लूटा उसने हमे,
आज हम जो भी है वजह इसकी वही है।
उसने हमारे अपनों को ही हमारा दुश्मन बना दिया,
आज हम अकेले हैं ये उसी की करनी है।
💐 रीना कुमारी प्रजापत 💐
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




