सँभाल के रखी है जवानी,
किसके लिए..किसके लिए !!
सावन बहाद रूत है सुहानी,
किसके लिए..किसके लिए !!
आओ कोई गीत गा लें,
आ झूम के हम-तुम नहा लें !!
बारिश है आया झूमके,
किसके लिए..किसके लिए !!
दो दिन की बहारें हैं ये सनम,
बाद में ये किसी काम की नहीं !!
दरिया की हिलोरें हैं दिलबर,
किसके लिए..किसके लिए !!
वेदव्यास मिश्र की जवान💝कलम से..
सर्वाधिकार अधीन है