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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

वक्त रहते आज को थाम लो

वक्त रहते आज को थाम लो
थाम लेना उन अपनों को
जिनके वज़ूद को अपने अहम् की गाँठों से बाँध रखा है।

अगर वक्त ठहर गया
तो उन्हें रोक भी नहीं पाओगे।
कानों में आवाज़े तो गूँजेगी,
पर कोई दिखायी नहीं देगा।

अगर वक्त ने अपनी गाँठें लगा दी,
तो पछतावा भी नहीं कर पाओगे।
मनाने की कोशिश तो करोगे,
पर वो कल बन,कहीं खो चुका होगा ..
वन्दना सूद


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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (7)

+

मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

एकदम सोलह आने सच्ची बात कही आपने।👌🌹🙏

वन्दना सूद replied

🙏🙏

उपदेश कुमार शाक्यावार said

वाह..गहराई नापना इन पंक्तियों से सिखों 🙏 🙏

वन्दना सूद replied

🙏🙏

सरिता पाठक said

बहुत ही सुन्दर रचना 🌹आपको और आपकी लेखनी को शत शत नमन 🙏

वन्दना सूद replied

🙏🙏

सुप्रिया साहू said

जी आपने बिल्कुल सही कहा वक्त रहते अगर रिश्ते नहीं संभले तो बाद में पछतावा ही होगा, बहुत सुंदर रचना मैम 👌👌, आपको सादर प्रणाम 🙏🙏।

वन्दना सूद replied

शुक्रिया जी 🙏🙏

रीना कुमारी प्रजापत said

Ji bilkul thaam lenge didi.. bahut bdhiya salah

वन्दना सूद replied

😊

आलम-ए-ग़ज़ल - परवेज़ अहमद said

हक़ीक़त बयाॅं किया है आपने! वक़्त रहते वक़्त पर जो सही है वो कर लेना ही अक़्लमंदी है, वरना बाद में इंसान हाथ मलता रह जाता है क्योंकि न आसमाॅं के लिए न ज़मीं के लिए! वक़्त रुकता नहीं किसी के लिए!!

वन्दना सूद replied

बहुत सही कहा आपने
वक्त किसी के लिए नहीं रुकता

दिनेश हरजाई said

उम्दा

वन्दना सूद replied

😊🙏

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