वक्त रहते आज को थाम लो
थाम लेना उन अपनों को
जिनके वज़ूद को अपने अहम् की गाँठों से बाँध रखा है।
अगर वक्त ठहर गया
तो उन्हें रोक भी नहीं पाओगे।
कानों में आवाज़े तो गूँजेगी,
पर कोई दिखायी नहीं देगा।
अगर वक्त ने अपनी गाँठें लगा दी,
तो पछतावा भी नहीं कर पाओगे।
मनाने की कोशिश तो करोगे,
पर वो कल बन,कहीं खो चुका होगा ..
वन्दना सूद
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




