इश्क़ समंदर
उसने नाप लिया
जो इसमें उतार गया
और मोहब्बत की मंजिल पा लिया।
जिसके प्यार में सच्चाई हो ।
जिसकी सोंच में सच्चाई हो ।
जिसमें ना हीं कोई मिलावट हो ।
जिसमें ना हीं कोई दिखावट हो ।
जिसने किसी एक का हीं नहीं
बल्कि सबका दिल जीता हो ।
जिसमें लोक लाज मर्यादा हो।
जिसका दिल सभी के लिए धड़कता हो ।
वह इश्क़ समंदर कितना अंदर
कितना बाहर सिर्फ़ वही बता पाएगा।
है बड़ा हीं यहां मनोरम दृश्य
इसकी सुंदरता वही बता पाएगा।
इश्क़ के समंदर की गहराई वही नाप पाएगा।
वही सही सही बता पाएगा....
वही सही सही बता पाएगा....