जब तुम मिलें थे तो वादा किया था फिर से मिलने का
क्यों तुम ना समज पाये हाल मेरी जिंदगी का
मानते हे नदियों का मुक्क्दर हे आखिर समंदर
पर प्यार में मीट जाना यही फलसफा हे जिंदगी का
आपसे मिलकर ना देखा गया इस रूह का तड़पना
यही तो होता हे नादानो से महोब्बत करनेवालो का
दोस्त समजा हे तुम्हे तो निभायेंगे जमकर दोस्ती
तुम आओंगे तो राज बतायेंगे तुम्हे इस जिंदगी का
युतो जमी और आसमान ना मिलेंगें ना मिले हे कभी
ऐक ज़रिया होता हे बारिश की बूंदो से जमी चूमने का
के बी सोपारीवाला