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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

वह है आईने सा-ताज मोहम्मद

वह है आईने सा सब को सच्चाई ही बताता है।
अक्स है जिसका जैसे बस वैसे ही दिखाता है।।1।।

उसकी ये पहचान उसके लिए ही है खतरनाक।
क्योंकि वो सच को झूठ कभी भी ना बनाता है।।2।।

उसके अपने ही उससे है बहुत ही यूँ तो परेशां।
वह अपनों की ज़िंदगी लिए कुछ ना कमाता है।।3।।

जीना चाहता है वह ज़िन्दगी सादगी भरी हुई।
ज़िल्लत की नही वह बस इज्जत की खाता है।।4।।

अक़ीदा है बड़ा उसका ऊपर वाले की जात पे।
मांगने की खातिर बस खुदा के दर पर जाता है।।5।।

लिखता है बस वो सच्चाई अखबार के पन्नों पे।
अन्नाय होने पर मज़लूम उसी के पास आता है।।6।।

ताज मोहम्मद
लखनऊ




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (3)

+

कमलकांत घिरी said

Wah sir ji kya khub likha aapne

ताज मोहम्मद replied

बहुत बहुत शुक्रिया भाई जी।

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Bahut khoob Taj saahab Wo jo bhi hain kamal ki shakshiyat hain.

ताज मोहम्मद replied

नही भाई जी बस तस्वुर्र, कल्पना है। आपका तहे दिल से शुक्रिया भाई जी।

Updesh Kumar Shakyawar said

लाजवाब 🙏🏻🙏🏻

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