एगो भोजपुरी
ग़ज़ल
के
🙏 प्रयास 🙏
पहिले पहल रउआ,आचार ठीक राखीं।
बोली मधुर राखीं,व्यवहार ठीक राखीं ।
छोड़ीं सलूक टेढ़ा,मेल - जोल से रहीं
रहन चलान नियम,आधार ठीक राखी।
का खात-पीयत बानी,रखीं ख्याल एकर,
ना होखे बदनामी, विचार ठीक राखीं।
घर-बार ठीक राखीं,दुआर ठीक राखीं
लइकन-बड़न से घर के दुलार ठीक राखीं।
कहऽत "प्यासा"इज्जत,रखी बनाय हरदम,
इजत संवार अपन,संसार-ठीक राखीं।
-" प्यासा "
विजय कुमार पाण्डेय प्यासा
करपलिया मुस्तफाबाद सीवान बिहार