भेदभाव और भ्रांति से परे
जड़ अज्ञानता तम को हरे।
बुद्धि विवेक को अपनाती है
लेखनी भावों को प्रत्यक्ष बनाती है।
होती इसमें शक्ति सामर्थ्य भरपूर
बदल सकती है भाग्य भी खूब।
पकड़ वृत्तलेखनी हस्त में अपने
पन्नों पर लेखक विचारों को जन्में।
कलम कमाल करती नहीं किंचित
उठाने वाला होता ज्ञान से सिंचित।
प्रत्येक क्षेत्र में योगदान है इसका
देखो सच करती है सपना सबका।
प्रत्येक पहलू पर यह लिखती है
प्रबल को झुकाने का बल रखती है।
शत्रु को इसने तार तार कर डाला है
हाँ, इसने तो इतिहास भी बदल डाला है।
_ वंदना अग्रवाल 'निराली'

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




